Wednesday, September 15, 2010

वो कैसा हिन्दुस्तान है?

















विरासतों पर जहाँ गर्व नहीं
न धरोहरों का ज्ञान है
हिंदी
ही नहीं जहाँ पर

वो कैसा हिन्दुस्तान है?

जिस भाषा में पहले बोल कहे

उस भाषा से तुझे परहेज है
देश हुआ कब का आज़ाद
तू आज भी अंग्रेज है ?
क्या सभ्यता क्या संस्कृति
तू राष्ट्र-भाषा से भी अनजान है

हिंदी नहीं जहाँ पर

वो कैसा हिन्दुस्तान है?

इसी लिपि में है कामायनी

इसी लिपि में राष्ट्र गान है
हैं इसी लिपि मे महाभारत
इसमें ही वेद पुराण है
ये देवनागरी लिपि नहीं
साक्षात देवों का आह्वान है

हिंदी ही नहीं जहाँ पर
वो कैसा हिन्दुस्तान है

अब क्यों दुनिया के
सामने

इसे और विवश बता रहे हो
मनाओ जाकर पुण्यतिथि
क्यों हिंदी दिवस मना रहे हो?
पहचानते नहीं तुम उसे ही
जो असल में तुम्हारी पहचान है

हिंदी नहीं जहाँ पर

वो कैसा हिंन्दुस्तान है ?



3 comments:

  1. इतनी ओजपूर्ण कविता के लिए बधाई|
    आपने कविता बहुत अच्छी लिखी है, लेकिन तथ्यों का
    थोडा अभाव खटकता है| हमारे देश में १६ भाषाएँ (संविधान में अनुसूचित)
    हैं तथा इनमे से अधिकतर की उम्र हिन्दी (१९१४ में जन्म) से काफी अधिक है|
    अतः हम हिन्दी भाषियों को संवेदनशील होने की भी जरूरत है|
    वैसे भी हिन्दी अब अपने विस्तार के लिए किसी की मोहताज़ नहीं है| इसे अब
    कलकत्ता (यहाँ तक कि मणिपुर भी ) से अमृतसर तक और
    कश्मीर से कन्याकुमारी तक के लोग आसानी से समझ और बोल सकते हैं!

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  2. This 1 is written during our training session @ Cognitel.

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