दिल चाहता है -
किसी बादल की तरह
न्योछावर कर दूँ हर बूँद
बह जाऊं तेरी हर रग में
इतना की कोई प्यास न रहे
हो जाऊं तेरा इस कदर
की खुद का एहसास न रहे
फिर शायद ये तू कहे कि
ह्रदय-विजित हूँ मैं
प्यार पूरा है मेरा तेरे लिए
पर फिर देखता हूँ खुद को
कि एक रेस का हिस्सा हूँ मैं
दौड़ रहा हूँ रेस अधूरी है , पर
जो जीता तो अंतिम लकीर पर लिखा होगा -FINISHED
मेरी जीत मेरी हार ही है
मेरा प्यार अधुरा था और अधुरा है तेरे लिए .....